Sad Shayari
जख्म तो भर जायेंगे आज नही तो कल।
पर ऐ जिन्दगी जो तुने अपनों से सबक दिया है।
उनका कोई मरहम नही
Sad Shayari
माना की तेरे प्यार का मैं मालिक नहीं,
पर किरायेदार का भी कुछ हक तो बनता है
Sad Shayari
ए जहा-ए-कुदरत इतना कर्म कर दे
की वो जख्म देने से पहले जख्म को परख सके
Sad Shayari
आज कोई खून का कतरा कतरा भी मांग ले तो गम नहीं हमारा
मेरे यार ने मुस्करा कर मुझको पलट कर देखा है
Sad Shayari
गजब तरीका आजमाते हैं दुनिया वाले मुस्कराकर मिलते हैं
सिर्फ हमको रुलाने के इरादा दिल में दबा कर
Sad Shayari
रोने से अगर मिलती चाहत इस ज़माने मैं
तो आज एक सहर होता मुझ से वफ़ा निभाने के लिए
Sad Shayari
क्या बुरा है के मैं इक़रार मोहब्बत करलो
वो लोग वैसे तो कहते है गुनहगार हूँ मैं
Sad Shayari
तेरी महेफिल से उठे थे किसी को खबर तक ना थी
बस तेरा मोड़ मोड़ कर देखना हमें बदनाम कर गया
Sad Shayari
तुम मोहब्बत भी मौसम की तरह करते हो
कभी बरसते हो तो कभी एक बूंद के लिए तरसते हो
Sad Shayari
दिलासे.पे कहाँ.तक.जी सकोगे .दिलासा.झूठ का इक.रूप है.बस
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ना चाहत .के अंदाज़ अलग, ना दिल के जज़्बात अलग,थी सारी.
बात .लकीरों की, तेरे हाथ अलग, मेरे हाथ अलग
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