मिलते रहिए, हाल-चाल पूछते रहिए, ना जाने कब कोई एक याद बन कर रह जाएँ

मेरी हर सांस में तू है मेरी हर ख़ुशी में तू है तेरे बिन ज़िन्दगी कुछ नहीं क्योकि मेरी पूरी ज़िन्दगी ही तू है

आप हमसे दूर क्या हुए, आपकी यादें तो हमारे क़रीब आने लगी

आपकी याद जब भी हमें आती हैं खुदा कसम बहुत रुलाकर जाती है

मुझे कुछ भी नहीं कहना इतनी सी गुजारिश है, बस उतनी बार मिल जाओ जितना याद आते हो

हर एक पहलू तेरा मेरे दिल में आबाद हो जाये, तुझे मैं इस क़दर देखूं मुझे तू याद हो जाये

कहीं ये अपनी मोहब्बत की इन्तेहाँ तो नहीं, बहुत दिनों से तेरी याद भी नहीं आई

ढूढ़ोगे उजड़े रिश्तों में वफ़ा के खजाने, तुम मेरे बाद मेरी मोहब्बत को याद करोगे

याद करता है कोई मुझे शिद्दत से, जाता क्यों नही मेरा ये वहम मुद्दत से

हर रोज हर वक्त तेरा ही तेरा ख्याल, ना जाने कौन से कर्ज की किश्त हो तुम

बरसात तो थम जाती हैं पर यादें नहीं.. रोज-रोज मौसम का बदलना अच्छा नहीं

हम तुम्हे याद करेंगे, तुम हमे याद करना..! देखते है हिचकियां किसे आती है

मेरी हर सांस में तू है मेरी हर ख़ुशी में तू है तेरे बिन ज़िन्दगी कुछ नहीं क्योकि मेरी पूरी ज़िन्दगी ही तू है

पता है तुम्हें, मैं बहुत बातें करता हूँ, तुम्हारी चाँद से,अक्सर रातों में सच्ची ये और बात है,कि मैं बताता नहीं हूँ तुम्हें

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