अगर इश्क करो तो आदाब-ए-वफ़ा भी सीखो, ये चंद दिन की बेकरारी मोहब्बत नहीं होती

तेरे ख्याल में जब बेख्याल होता हूँ, जरा सी देर को ही सही बेमिसाल होता हूँ

तेरा ज़िक्र तेरी फ़िक्र तेरा एहसास तेरा ख्याल, तू खुदा तो नहीं फिर हर जगह क्यों है

रोज वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को, मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी

उस चांद को बहुत गुरूर है, कि उसके पास नूर है। अब मैं उसे कैसे समझाऊं, मेरे पास कोहिनूर है

ख्वाहिश इतनी है कि कुछ ऐसा मेरे नसीब में हो, वक्त चाहे जैसा भी हो बस तू मेरे करीब हो

हजारो महफिले हैं और लाखों मेले हैं, लेकिन जहाँ तुम नही, वहाँ हम बिलकुल अकेले हैं

कितना प्यार करते हैं तुमसे यह कहना नहीं आता, बस इतना जानते हैं कि बिना तुम्हारे रहना नहीं आता

इश्क की उम्र नहीं होती, ना ही दौर होता है, इश्क तो इश्क है, जब होता है बेहिसाब होता है

प्यार वो नहीं जो दुनिया को दिखाया जाए , प्यार वो है जो दिल से निभाया जाए

जरूरत नहीं फिक्र हो तुम, कही कह न पाऊं वो जिक्र हो तुम

मैं तेरी जान तू है मेरा जानू खुले आसमान के नीचे हाथ पकड़ के तेरा देखें रोमांटिक चाँद

मोहब्बत का कोई रंग नही फिर भी वो रंगीन है, प्यार का कोई चेहरा नही फिर भी वो हसीन हैं

तुम्हारा दिल चाहे तो छोड़ देना मोहब्बत का सफर तन्हा बिता लेंगे तुम नहीं तो तुम्हारी यादें ही सही अपना हमसफ़र बना लेंगे

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