शायर बनना बहुत आसान हैं, बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए

मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका

वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं, हम भूल गए हैं रख के कहीं

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं, रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं

दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा, इसका शायद कोई हल नहीं हैं

दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा, इसका शायद कोई हल नहीं हैं

रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर, उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश

हम तो अब याद भी नहीं करते, आप को हिचकी लग गई कैसे?

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं, और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता

उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और, ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे

सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम, कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं

बिगड़ैल हैं ये यादे, देर रात को टहलने निकलती हैं