January 31, 2020
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी, हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते.. वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी.
January 31, 2020
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता कोई एहसास तो दरिया की अना का होता
January 31, 2020
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से, यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!
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January 31, 2020
तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन, ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन!
January 31, 2020
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई जैसे एहसान उतारता है कोई
January 31, 2020
तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ । तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।
January 31, 2020
आइना देख कर तसल्ली हुई हम को इस घर में जानता है कोई
January 31, 2020
तन्हाई अच्छी लगती है सवाल तो बहुत करती पर,. जवाब के लिए ज़िद नहीं करती..
January 31, 2020
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं
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January 31, 2020
"खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते, बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते !"
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January 31, 2020
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
January 31, 2020
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता, हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।
January 31, 2020
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है।
January 31, 2020
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