"आइना देख कर तसल्ली हुई हम को इस घर में जानता है कोई"

"ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है"

"वो उम्र कम कर रहा था मेरी मैं साल अपने बढ़ा रहा था"

"सहर न आई कई बार नींद से जागे थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले"

"इश्क़ की तलाश में क्यों निकलते हो तुम, इश्क़ खुद तलाश लेता है जिसे बर्बाद करना होता है"

"प्यार में कितनी बाधा देखि, फिर भी कृष्ण के संग राधा देखि"

"काई सी जम गई है आँखों पर सारा मंज़र हरा सा रहता है"

"दुपट्टा क्या रख लिया सर पे, वो दुल्हन नजर आने लगी, उसकी तो अदा हो गयी, जान हमारी जाने लगी"

"जो उम्र भर भी न मिल सके, उसे उम्र भर चाहना इश्क हे"

"यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता कोई एहसास तो दरिया की अना का होता"

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