Hindi Shayari
समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई,
कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पन नहीं मिलता
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काँटों से गुजर जाता हूँ दामन को बचा कर,
फूलों की सियासत से मैं बेगाना नहीं हूँ
Hindi Shayari
एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है, तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना
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इन से उम्मीद न रख हैं ये सियासत वाले, ये किसी से भी मोहब्बत नहीं करने वाले
Hindi Shayari
सियासत इस कदर अवाम पे अहसान करती है, आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती है
Hindi Shayari
ऐ सियासत तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया, गरीबों को गरीब अमीरों को माला-माल कर दिया
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सियासत को लहू पीने की लत है, वरना मुल्क में सब ख़ैरियत है
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