इंतज़ार दरअसल हमें सुकून का था,
लोगों को लगता रहा मैं किसी खास के इंतज़ार में हूँ
इंतज़ार दरअसल हमें सुकून का था,
लोगों को लगता रहा मैं किसी खास के इंतज़ार में हूँ
बेचैनी प्यार से ज्यादा किसी के इंतज़ार में होती है
बेचैनी प्यार से ज्यादा किसी के इंतज़ार में होती है
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संभव ना हो तो साफ मना कर दें,
पर किसी को अपने लिए इंतज़ार ना कराएं
संभव ना हो तो साफ मना कर दें, पर किसी को अपने लिए इंतज़ार ना कराएं
फरियाद कर रही है यह तरसी हुई निगाह,
देखे हुए किसी को ज़माना गुजर गया
फरियाद कर रही है यह तरसी हुई निगाह,
देखे हुए किसी को ज़माना गुजर गया
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ये कह-कह के हम दिल को समझा रहे हैं,
वो अब चल चुके हैं वो अब आ रहे हैं
ये कह-कह के हम दिल को समझा रहे हैं,
वो अब चल चुके हैं वो अब आ रहे हैं
उल्फ़त के मारों से ना पूछो आलम इंतज़ार का,
पतझड़ सी है ज़िन्दगी और ख्याल है बहार का
उल्फ़त के मारों से ना पूछो आलम इंतज़ार का,
पतझड़ सी है ज़िन्दगी और ख्याल है बहार का
एक लम्हे के लिए मेरी नजरों के सामने आजा,
एक मुद्दत से मैंने खुद को आईने में नहीं देखा
एक लम्हे के लिए मेरी नजरों के सामने आजा,
एक मुद्दत से मैंने खुद को आईने में नहीं देखा
एक रात वो गया था जहाँ बात रोक के,
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के
एक रात वो गया था जहाँ बात रोक के,
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इन्तजार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इन्तजार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे
आँखों को इंतज़ार की भट्टी पे रख दिया,
मैंने दिये को आँधी की मर्ज़ी पे रख दिया
आँखों को इंतज़ार की भट्टी पे रख दिया,
मैंने दिये को आँधी की मर्ज़ी पे रख दिया
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