जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।

अगर मैं जन्म लू दुबारा इंसान में भगवन देना मिट्टी हिन्दुस्तान की होंठो पे गंगा हो हाथो में तिरंगा हो

अब तक जिसका खून न खौला, वो खून नहीं वो पानी है जो देश के काम ना आये

अब तक जिसका खून न खौला, वो खून नहीं वो पानी है जो देश के काम ना आये

दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है. सिर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं .

कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की शान का है, हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिन्दुस्तां के सम्मान का है

मेरी धडकनो में धडकता रहे तु, मेरे देश तुझको नमन है मेरा, जीऊं तो जुबां पर तेरा नाम हो मरूं तो तिरंगा कफन हो मेरा

आज़ादी की कभी शाम ना होने देंगे, शहीदों की कुर्बानी बदनामी ना होने देंगे, बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माँ का आँचल नीलाम ना होने देंगे

चले आओ मेरे परिंदों लौट कर अपने आसमान में, देश की मिटटी से खेलो, दूर-दराज़ में क्या रक्खा है

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा