आप क्यूँ रोएँगे मेरी ख़ातिर
फ़र्ज़ ये सारे इस ग़ुलाम के हैं
दिन में सौ बार याद करता हूँ
पासवर्ड सारे तेरे नाम के हैं
हलाल रिज़्क़ का मतलब किसान से पूछो
पसीना बन के बदन से लहू निकलता है
हलाल रिज़्क़ का मतलब किसान से पूछो
पसीना बन के बदन से लहू निकलता है
उसके मेरे दरमियाँ ये फासला होना ही था दोस्त" पक्का " था मगर कानों का "कच्चा" था बहुत
डरा सहमा हुआ ज़ख़्मी परिंदा सांस लेता है अभी इंसाफ पर मेरा भरोसा सांस लेता है
अभी पूरी तरह ये दुनियदारी रंग नहीं पाई अभी भी मुझ में एक मासूम बच्चा सांस लेता है
एक बोझ उसके दिल पे था जिसको हटा गया अपनी कहानी दोस्त की कहकर सुना गया
अगर मेरी बुराई से तुम्हें कुछ फायदा हो तो तुम्हे मेरी क़सम है दो बुराई फ़ालतू करना
जिसे था जौम उसे इश्क़ हो नहीं सकता वो कल मिला था बहुत बदहवास लगता था