जो लोग बदलने लगें, उन्हें बदल देना ही ठीक है

इश्क़ था इसलिए सिर्फ तुझसे किया, फरेब होता तो सबसे किया होता..

कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे, मतलब " मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं..!

मैं खामोश रहा कि रिश्ता ना बिगड़े साहब, बेपरवाह समझकर मुझे वो आगे बढ़ गये

हालात उम्र से पहले समझदार बना देते हैं, वरना जन्दिगी में आवारगी किसे नहीं पसंद

मुद्दतों ख़ुद की कुछ ख़बर ना लगे कोई अच्छा भी इस क़दर ना लगे बस तुझे उस नज़र देखा है जिस नज़र से तुझे नज़र ना लगे

वादा था मुकर गया, नशा था उतर गया..! दिल था भर गया, इंसान था बदल गया..

जिनके करीब बहुत लोग हो उनसे दूर रेहना ही ठीक है..

हर रोज़ निकल आते हैं नए पत्ते.. ख्वाहिशों के दरख्तों में क्यूँ पतझड़ नहीं होते

किसी की उम्र से इश्क़ का अंदाज़ा न लगाओ साहेब क्योंकि अकसर कच्ची उम्र के इश्क़ भी कच्चे होते हैं

मैं तारीख, वक्त को याद करता रहा। वो सूरत-सी भोली दुनिया को निहारती रही।

हर उस आँख में चुभना है मुझे, जिसने मुझे देखकर कभी नज़रे फेरी थीं 

ना हवस तेरे जिस्म की, ना शौंक तेरे हुस्न का बिन मतलबी सा लड़का हूं, तेरी सादगी पर मरता हूं.

जरूरी है कुछ ठोकरे भी जिंदगी में, क्योंकि किताबे सबक पढ़ाती हैं सिखाती नहीं

एक तरफा रही हमेशा मोहब्बत मेरी, किसी से ख्यालात नहीं मिले तो किसी से हालात नहीं मिले

फिकर मत करो जान जिस रब ने दिल मिलाया है वो नसीब भी मिला देगा

मै खुश हू कि उसकी नफ़रत का अकेला वारिस हू, वरना मोहब्बत तो उसे कई लोगो से है

ना पूछो तो लाखो शिकायत है तुमसे, और अगर जो पूछ लो तो फिर कोई बात नहीं.

बढ़ती जा रही है दुनियाँ में शायरों की तादात, वाह रे इश्क तूने किसी को नहीं बक्शा...

उसे दुरियाँ पसंद आने लगी थी, और फिर हमने भी वक़्त माँगना छोड़ दिया.

हमने तो मोहब्बत छोड़ दी, पर कमबख्त मोहब्बत ने हमें कहीं का नहीं छोड़ा

कदर तक नहीं जिन्हें तुम्हारी उन्हें तुम दुनिया बना बैठे

जरा सा खामोश रहकर मैंने, आजमा लिया सबको ।

अब तो वक़्त ही बताएगा कितना कीमती थे हम

दिल जब गैरों से लग जाये तो अपनो में कमियां नजर आने लगती है

खुशनसीब है बो लोग जो मोहब्बत नहीं करते

चेहरे की सजिदगी बताती हैं, दिल नही भरोसा टूटा है

दो ही तो जरूरते हैं फिलहाल, एक तुम और दूसरी भी तुम..

तुम भी कुछ कह दिया करो...... एक तरफा सुनवाई तो अदालत भी नहीं मानता.

तुम्हे नही मालूम उस चाय का मजा, जिसमे वो इलायची मुंह से तोड़कर डालती है.

बिसराय न बिसरे तेरे प्रित भरे एहसास, धड़कन धड़कन में तुम बसे हो दूर रहो या पास

तू आए और आकर लिपट जाए मुझसे, उफ्फ ये मेरे महंगे महंगे ख्वाब...!!

रास्ता सुनसान था तो मुड़ के देखा क्यूं नही मुझ को तन्हा देखकर उसने पुकारा क्यों नही..!!

यादों की करवटें, तकिए का सहारा.., आखों में नमी, और तुम्हारे खयाल...!

मोहब्बत सरेआम नही बस एहसास होना चाहिए, हम उन्हे चाहते हैं ये पता सिर्फ उन्हें होना चाहिए।

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