Gulzar sad Shayari in Hindi:- शब्दों का जादू और भावनाओं की अद्भुत छवियों को छुपाने के लिए एक कवि की आवश्यकता होती है, और इस क्षेत्र में गुलजार का नाम अग्रणी है। गुलजार की दुखभरी शायरी ने हर दिल को छू लिया है और उनकी कलम से निकली खुदरा बातों ने रोमांचक अनुभव प्रदान किया है। इस लेख में, हम गुलजार की उन दुखभरी शायरी के प्रति दिलों में छाई खासी गहराईयों को जानेंगे जो उनकी कलम से उभरी है।
गुलजार की दुखभरी शायरी का आदान-प्रदान:
गुलजार, जिनका असली नाम सम्पूर्ण सिंह कलरा है, भारतीय सिनेमा के सबसे प्रमुख लेखकों में से एक हैं। उनके कला के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान ने उन्हें एक महान कवि के रूप में माना जाता है। गुलजार की शायरी व्यक्तिगत भावनाओं, प्रेम, अलगाव, और जीवन की चुनौतियों को एक अनूठे तरीके से प्रकट करती है।
गुलजार की दुखभरी शायरी का रंग-रूप:
गुलजार की दुखभरी शायरी का रंग-रूप अद्वितीय है, जो उनकी शैली के रूप में उभरता है। वे अपने शब्दों के जादू से रोमांचक और गहरे भावनाओं को व्यक्त करते हैं, जो सीधे दिल तक पहुंचते हैं। उनकी शायरी में गहराई होने के कारण, वे आदर्श समय की चाहिए और उनकी कलम को समझने की आवश्यकता होती है।
मुख्य शायरी: GULZAR SHAYARI in Hindi
गुलजार की शायरी का मुख्य विशेषता उनके शब्दों की सरलता में है, जिनसे सुख-दुख, प्रेम-विरह, और आत्म-समर्पण की भावनाओं को अद्वितीय रूप से व्यक्त किया जाता है। कुछ उनकी मशहूर दुखभरी शायरी इस प्रकार है:
“कुछ आँसू ख़र्च किए हैं आँखों ने इस ज़माने में,
कुछ माँगे हैं उनके होंठों से दुआएँ मेरी।”
बर्बाद करने के और भी कई तरीके थे
तुमने तो ज़िन्दगी में आकर
ज़िन्दगी बनके ज़िन्दगी से ज़िन्दगी ही ले ली
“जब तक तुझसे पूछा नहीं, दिल की बातें नहीं कहता,
पर कहते कहते ज़माना, भीग जाता है आँखों में।”
तेरी तो फितरत थी
सब से मोहब्बत करने की
हमने बेबजह ही
खुद को खुशनसीब समझा “
“अच्छा हुआ जो मालूम हो गया,
हम उनके दिल में नहीं है,
वरना हम तो घर भी छोड़ रहे थे,
उनके दिल में रहने के लिए “
![]() |
“काश कोई मिल जायें हमें भी आईने की तरह,
जो हँसे भी साथ साथ,
और रोये भी साथ साथ”
![]() |
“सोचा था की तुमसे बात किये बगौर,
एक शाम तक न गुज़ारेंगे,
पर हाल ये है की तेरी आव़ाज सुने ज़माना हो गया “
![]() |
“नाराज तो नही थे तेरे जानें से मग़र,
हैरान इस बात से थे की तुमने,
मुड़ कर तक नहीं देखा “
![]() |
Gulzar Shayari |
“तुम्हारे दिल में क्या है ये तुम जानो,
हम तो बस इतना जानते है कि तुम ही दुनिया हो मेरी,
उजाड़ दे या बसा दे हस्ती मेरी,
गर हो जाए इनायत रहमत तेरी”
“दियों कों समेट कर तमिज़ से लोग रखते हैं “
अक्सर,
वो जो अंधेरों में उजाला देता है,
पर अपनें और अपनें की,
ज़िन्देगी समेटना लोग कभी सीखे नहीं है”
” मोहब्बत जिन्दगी के करीब ले आई है,
और इस ज़िन्दगी में बस तू ही तू समाई है,
तेरे बिना खुशियों का चिराग जलता नहीं,
शहर की रोशनी से ये दिल बहलता नहीं”
“रात तो साथ रोती थी,
आंखें यह कहां सोती थी,
चांद खुद को कमजोर पाता था,
जब मेरी सिसकियां सुनके जाता था,
तू तो पता नहीं कब आएगा,
सबसे पहले चांद मेरा अमावस्या में मिल जाएगा”
” मत किया करो यारो ज्यादा फ़िक्र और,
चिंता किसी को कभी अपना मान कर,
लोग कुछ ही दिनों में तुमसे तुम्हारा हक पूछ बैठेंगे,
की किस हक से हक जताते हो”
“क्या लिखूं तुझ पर कुछ लफ्ज़ नहीं है,
दूरी का ऐहसास लिखूं या,
बेपनाह मोहब्बत की बात लिखूं”
“अकेले आये थे और अकेले ही चले जायेंगे,
हा कुछ झुठे लोग मिले थे दुनिया मे,
जो कह रहे थे,
मरते दम तक साथ निभाएंगे”
“सजा ये कैसी मिली दिल लगाने की,
रो रहे हैं मगर तमन्ना थी मुस्कराने की,
अपना दर्द किसे दिखाऊं ऐ दिल,
दर्द भी उसी ने दिया जो वजह थी मुस्कराने की”
“हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे;
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे;
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया;
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे”
“वफ़ा कितनी भी करो दिल को छू के ना जाए तो कुछ मतलब नहीं ,
किसी का दिल जीतने के लिए आसमान भी कम नहीं ,
दो ही वजह से जीता जाता हैं किसी अपने का दिल ,
एक हैं प्यार ओर दूजा है विश्वास “
” साथ किसी का मिल जाए तो
जीने का मजा आ जाये,
तन्हा ना रहे कोई,
हर शख्स साथ पा जाये,
सुकुन मीले उसे जो तलाशे हैं सुकुन,
मुझे तो बस उसकी एक जलक मिल जाए “
“तुमने तो कहा था हर शाम हाल पूछेंगे तुम्हरा
तुम बदल गये हो या
तुम्हारे शहर में शाम नही होती “
बहुत छाले हैं उसके पैरों में
कमबख्त उसूलो पर चल होगा
![]() |
Gulzar Shayari |
“फासलो
का अहसास
तब हुआ जब मैंने कहा.. ठीक हूँ और उसने..
मान लिया”
“थोड़ा सा रफू करके देखिए ना
फिर से नई सी लगेगी
जिंदगी ही तो है”
![]() |
Gulzar Sad Shayari |
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं
![]() |
कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें
![]() |
गुलज़ार साहब की प्रसिद्ध Hindi शायरी
“वास्ता नहीं रखना तो नज़र क्यूँ रखते हो
किस हाल में जिंदा हूँ खबर क्यूँ रखते हो”
कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती
जब तक ख़ुद पर ना गुजरे
![]() |
कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं
अच्छी किताबें और अच्छे लोग
तुरंत समझ में नहीं आते हैं,
उन्हें पढना पड़ता हैं
“मोहब्बत ज़िन्दगी बदल देती है,
मिल जाये जब भी और ना
मिले तब भी”
गुलजार की दुखभरी शायरी एक अनूठे अद्वितीय शैली में है, जिसमें वे जीवन की माया को अपनी कलम से छू लेते हैं। उनके शब्द सिर्फ शाब्दिक नहीं होते, बल्कि वे एक आभासिक राह में पथिक की तरह काम करते हैं। गुलजार की दुखभरी शायरी से हम सीखते हैं कि व्यक्ति की आत्मा में जो भावनाएँ छुपी होती हैं, वे शब्दों में आकर व्यक्त हो सकती हैं।
अन्तं में :- गुलजार की दुखभरी शायरी उनके समृद्ध भावनाओं का प्रतीक है, जिन्होंने हमें व्यक्तिगत और सामाजिक मामूलों का सही अनुभव कराया है। उनकी कलम से निकली शायरी हमें आत्म-समर्पण, प्रेम, और जीवन के असली मायनों को समझने का मार्ग दिखाती है। गुलजार की दुखभरी शायरी का पाठ हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा प्रदान करता है और हमें अपनी भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त करने की कला सिखाता है।
Read More:-
Best 150+ Short Attitude Captions For Instagram in Hindi 2023