Gulzar Sad Shayari In Hindi
अकेली रातें बोलती बहुत मगर
सुन वही सकता है जो खुद भी अकेला हो
हर एक लकीर एक तजुर्बा है साहब
झुर्रियाँ चेहरों पर यूँ ही नहीं आती
एक घुटन सी होती है इस दिल के अंदर
जब कोई दिल में तो रहता है मगर साथ नहीं
दिल टूटने पर भी जो शिकायत नहीं करता
उस शख़्स की मोहब्बत में कमियाँ मत निकालना
वफ़ाएँ करना तो कोई हमसे सीखे
जिसे टूटकर चाहा उसे ख़बर तक नहीं
इंसान को अकेले जीना आ ही जाता है
जब उसे ये पता चल जाए
कि उसके साथ जीने वाला अब कोई भी नहीं
जब मोहब्बत और नफरत एक ही इंसान से हो जाए
अब या तो भ्रम टूटेगा या तुम्हारा दिल
कभी आरजू थी कि हर कोई जाने मुझे
मगर आज तलब है कि मैं गुमनाम ही रहूँ
ना जाने कौन सा नमक है
इन आँखों के पानी में बरसती तो चेहरे से हैं
जलन दिल में होती है
हमदरदियाँ फिजूल हैं
दिल टूटने के बाद खैरात भी ना
दीजिये हमें लूटने के बाद
रिश्ता तब ख़त्म नहीं होता जब कोई तुमसे नाराज़ हो
रिश्ता तो तब ख़त्म होता है
जब उसे तुम्हारी नाराज़गी से
भी कोई फ़र्क ना पड़ता है
ये झूठ है कि मोहब्बत किसी का दिल तोड़ती है
लोग ख़ुद ही टूट जाते हैं मोहब्बत करते-करते