Best Gulzar Shayari In Hindi
“वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है”
“कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं,
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता”
“मत पूछ कितनी सी है अहमियत तेरी,
मेरे बनारस से मन में है गंगा सी कीमत तेरी”
“शिकायत और दुआ में जब एक ही शख्श हो,समझ लो इश्क़ करने की अदा आ गई तुम्हे”
“बहुत भरोसा था तुम पर‘था ’ का मतलब पता है ना”
“लाज़मी है मेरा भी गुरुर करनामुझे उसने चाह था, जिसके चाहने वाले हज़ार थे”
वो रिश्ता मोहब्बत का नही मज़बूरी का होगा”
“कोई जिस्म पर अटक गया ,कोई दिल पर अटक गयाइश्क उसका ही मुकमल हुआ जो रूह तक पहुच गया”
“करवट तमाम रात भर बदलता में रह गया,
बिस्तर में उसकी यादों के काटें थे बेशुमार”
“धड़कने में बसे होते है कुछ लोग ,जुबान पे नाम लाना ज़रूरी नही होता”
“इश्क है तुमसे और कबूल हैकहो तो इज़हार कर दूँ”
“ग़ज़ब का एह्साह होता है,एक तरफा इश्क मेंन इज़हार की ख़ुशी न इंकार का गम”
हम कहाँ जाए सादगी लेकर”
“वो अल्फाज़ ही क्या जो समझने पड़ेमैंने मोहब्बत की थी बकालत नही ”
“किसी अपने को खो करहम रोते नही बस मुस्करना भूल जाते है”
“जहाँ से जी न लगे, तुम वहीँ बिछड़ जानामगर खुदा के लिए बेवफाई मत करना”
“हम पढ़ने लिखने में ज़रा अच्छे क्या निकले
जिन्दगी तो हर कदम पर इम्तिहान लेने लगी”
“मेरे किरदार से वाकिफ़ होने की कोशिश मत कर
उसे समझने में दिल लगेगा और तुम दिमाग लगते हो”
“मुझे किसी ने पूछा दर्द की कीमत क्या हैमुझे नही पता मुझे तो मुफ्त में दे जाते है”
“ जलो वहाँ जहाँ ज़रूरत होउजालो में चिरागों के कोई मायने नही होते”
“सुबह की ख्वाहिशें शाम तक टाली है,कुछ इश कदर हमनें जिन्दगी संभाली है”
“उड़ा दी सारी ख्वाहिशें फिज़ाओ में हमनें,
रंग सारे पसंद के ही मिले ये ज़रूरी तो नही”
“हम तो यूँ ही दिल साफ रखा करते थे,लेकिन अब पता चला की कीमत तो चेहरे की होती है”
“यूँ तो जिन्दगी में नमक की कमी ही रही,लेकिन जब भी मिला ज़ख्मों पर ही मिला”
“कौन कहता है की अकेले है हम,हज़ारों गम हर दम साथ रहते है मेरे”
“कैसे कह दू अब बेरंग हुई ज़िंदगी तेरे जने से,रंगों से मुलाकात हुई मेरी तेरे आने से”
“अपने दर्द को मुस्कुरा कर सहना क्या सीख लिया हमनें,लोगों को लगने लगा कि हमें दर्द ही नहीं होता”
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Gulzar sad Shayari |
“निगाहो से भी चोट लगती है ज़नाब,जब कोई देखकर अनदेखा कर देता है ”
“धोखे ऐसे ही नहीं मिलते,लोगो का भला करना पड़ता है ज़नाब ”
“लिख देना ये अल्फ़ाज़ मेरी कबर पे,मौत अच्छी है, मगर दिल का लगाना अच्छा नहीं ”
“किसी से न वफ़ा की उम्मीद कीजिये,चाय पीजिये, सब को दफ़ा कीजिये ”
“रिश्ते धीऱे धीऱे ही ख़त्म होते है,बस पता अचानक चलता है ”
“ख़ामोसिया बेबजह नहीं होती,कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करते है “
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है