Desh Bhakti Shayari in Hindi for Republic Day 26 January
नमस्कार दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हिंदी में देशभक्ति शायरी दी गई है। आज हम ऐसे ही खुले आम घूम रहे हैं लेकिन 80 साल पहले ऐसा नहीं था। उस समय हमारा प्यारा भारत अंग्रेजों का गुलाम था। बहुत से वीरों ने अपने भारत को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। हमारे कोई वीरों को फाँसी दी गई।
भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे देश भक्ति लोगों ने अपनी जान अपने देश के लिए हस्ते हस्ते नौछावर कर दिए। हमारे गाँधी जैसे नेताओं ने भारत को आजादी दिलाने के कोई दिनों तक अनशन किया। इन वीरो के लिए यहाँ पर जोश भर देनी कुछ शायरी दी गई। जिन्हें आप आने फ़्रैंडो और रिश्ते दारो को शेयर कर के Republic Day बधाई दे सकते है।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
बिस्मिल अज़ीमाबादी
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
हम अम्न चाहते हैं मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़
साहिर लुधियानवी
गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
लाल चन्द फ़लक
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
अल्लामा इक़बाल
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा ले ये भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
त्याग शहीदों के हम यूँ बदनाम न होने देंगें,
इस आज़ाद की हम शाम न कभी होने देंगें।
वजूद ही मिटा दिया उनका जो भी देश के लिये खड़ा है,
देश की रक्षा का संकल्प लिये हर सिपाही सरहद पर खड़ा है
ऐ वतन तुझको हम मिटंनें ना देंगें,
खुद मर मिटेंगे लेकिन तिरंगे को कभी न झुकने देंगें
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
फ़िराक़ गोरखपुरी
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे
जाफ़र मलीहाबादी
हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे
चलो फिर से आज वो नजारा याद कर ले
Bhagat Singh
शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर ले
जिसमे बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे
देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर ले
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
जावेद अख़्तर
अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
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