Dard Bhari Gulzar Ki Shayari:- गुलज़ार शाहब भारत के प्रशिद्ध कवी है, गुलज़ार शाहब कवी,गीतकार, पटकथा,फिल्म निर्देशक नाटककार है गुलज़ार शहब जी को हिंदी सिनेमा की तरफ से बहुत अवार्ड मिल चुके है, उन्होंने बहुत सारी कविताये और शायरी लिखी, हम यहाँ पर उनके कविताओ और शायरी के बारे में चर्चा करेगे उन्होंने बहुत सारी लेख लिखे ।
भारतीय साहित्य के एक प्रमुख नाम, गुलज़ार, का कविता और गीत संगीत में अपना एक विशेष स्थान है। उनकी शायरी में उनके भावनात्मक आवश्यकताओं, खोजों और विचारों की दर्दभरी प्रतिबिंबिति होती है। इस लेख में, हम देखेंगे कि गुलज़ार की शायरी कैसे हमें अपनी ज़िन्दगी के रंगों को समझने और उसके दर्दों को सहने की कला सिखाती है।
हम उनके प्रशिद्ध कविताओ के बारे में चर्चा करेगे जैसे की दिल को छूने वाली गुलज़ार दर्द शायरी Dil Ko chhune Wali Gulzar Dard Shayari, Gulzar Love Shayari, Gulzar Hindi Shayari, Dard Bhari Gulzar Ki Shayari
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Dard Bhari Gulzar Ki Shayari
गुलज़ार की शायरी का एक विशेष गुण है उनकी दर्दभरी भाषा, जिसमें वे आपकी भावनाओं के संवेदनशील गहराईओं में उतर जाते हैं। उनके शब्दों में वो खास बात है जो हमारे दिल के संवाद को सहजता से छू जाती है। उनकी शायरी में अकेलापन, मोहब्बत, विश्वासघात, और ज़िन्दगी की तारीकियों के साथ-साथ एक मानवीय दर्द का आदान-प्रदान होता है।
“गर दिल को बेचने का वक़्त आए तो ये ना सोचना, हम तो आशिक़ हैं साज़िदा-ए-इश्क़ के लिए।”
गुलज़ार की शायरी उनकी सांसारिक और आध्यात्मिक यात्राओं के परिणामस्वरूप उनके कई रंगीन अध्यात्मिक भावनाओं को दर्शाती है। उनकी कविताओं में जीवन की हर राह में छुपे दुःखों, संघर्षों, और समस्याओं की अनवरत चर्चा होती है। यह उनकी शायरी दर्द भरी कहानियों के साथ एक साहित्यिक सफर की तरह होती है, जो हमें अपने जीवन के प्रत्येक मोड़ पर सहने की शक्ति प्रदान करती है।
“आँसू के समंदर में एक बूँद हूँ इंसाँ यारों,
समुंदर तो सारा हूँ मैं, आँसू नहीं हूँ मैं।”
गुलज़ार की शायरी उनके शब्दों में वो ज़िन्दगी के तमाम रंग, दर्द और ख़ुशियाँ को समेटती है जो हम सभी को आते-जाते समय में पाए जाते हैं। उनके शेरों से हम जीवन के मुद्दों को समझने की कला सीखते हैं और उन्हें सहने का साहस प्राप्त करते हैं। गुलज़ार की शायरी एक अनूठा उपहार है जो हमें हमारे अंतरात्मा के दर्द और खुशियों की समझ में मदद करती है।
Best Gulzar ki Dard Bhari Shayari
“आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद”

“कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद”
“कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है”
“काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी”
“वो उम्र कम कर रहा था मेरी
मैं साल अपने बढ़ा रहा था”
“ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है”
“मेरे सरहाने जलाओ सपनें
मुझे जरासी तो नींद आये”
“कल जो मुझको नींद ना आये पास बुला लेना
गोद में अपनी सर रख लेना, लोरी सुना देना”
Dard Bhari Gulzar Ki Shayari
“उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले”
“काई सी जम गई है आँखों पर
सारा मंज़र हरा सा रहता है”
“सहर न आई कई बार नींद से जागे
थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले”
“कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की”
“तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं”
“कोई न कोई रहबर रस्ता काट गया
जब भी अपनी रह चलने की कोशिश की”
“आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ”
“गर दिल को बेचने का वक़्त आए तो ये ना सोचना,
हम तो आशिक़ हैं साज़िदा-ए-इश्क़ के लिए।”
“कर ना सके हम, प्यार का सौदा,
दिल की बेचैनी और दुःखद स्थितियाँ,
सबकुछ कह जाती हैं उनकी शायरी।”
“राहों में इक हसरत से जा रहा हूँ,
कुछ बातों में दर्द छुपा रहा हूँ,
गुलज़ार की शायरी में ही मिलेगा आराम,
मैं खुद को खो देता हूँ उनकी कलम में।”
Dard Bhari Gulzar Ki Shayari
“वक़्त के साथ बदलती रही है दुनिया,
पर गुलज़ार की शायरी अब भी वही दर्द दिखाती है,
उनके शब्दों में हमें खो जाने की राह मिलती है,
जब ज़िन्दगी के सवालों के जवाब हमें खुद में ही मिलते हैं।”
“कुछ लोग मोहब्बत की तरह होते हैं,
दिल के क़रीब रहते हैं, मगर दूर रहते हैं,
उनकी शायरी में छिपी ये अदभुत बात है,
जो हमें खोने के डर को महसूस कराती है।”
“ख़ुद को खो दिया हमने उनकी शायरी में,
वो बीते पलों की यादें, वो मिलने की आस,
गुलज़ार की शब्दों में हमें मिलता है वो अजनबी महसूस,
जिसे दिल कहता है, ये बस एक ख़्वाब है।”
“आज फिर दिल की तन्हाई में खोया हूँ,
गुलज़ार की शायरी में अपने आप को पाया हूँ,
उनके शब्दों में हमें अपने दर्द की तलाश मिलती है,
जैसे कि वो हमारे दिल के वीराने को समझते हैं।”
Dard Bhari Gulzar Ki Shayari
“एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद,
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं।”
“कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था,
आज की दास्ताँ हमारी है।”
“महदूद हैं दुआएँ मेरे अख्तियार में,
हर साँस हो सुकून की तू सौ बरस जिये।
अपने साए से चौंक जाते हैं,
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा।”
“तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे।”
“ग़म मौत का नहीं है,
ग़म ये के आखिरी वक़्त भी,
तू मेरे घर नहीं है।”
“इस दिल का कहा मनो एक काम कर दो,
एक बे-नाम सी मोहब्बत मेरे नाम करदो।”
Dard Bhari Gulzar Ki Shayari
“एक सो सोलह चाँद की रातें ,
एक तुम्हारे कंधे का तिल।”
“ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं,
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं।”
“ऐ हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की,
और कहना कि।
कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश,
उनके आँचल का इंतज़ार करती है।”
“पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी।”
अंत में ‘Dard Bhari Gulzar Ki Shayari‘, गुलज़ार की शायरी का सौंदर्य उनकी भावनाओं को सरलता से व्यक्त करता है और हमें हमारे अंतरात्मा के गहरे कोनों तक ले जाता है। उनके शेरों में छिपी हुई गहराइयों को समझकर हम अपने जीवन को सजीवता से जीने की कला सीख सकते हैं। गुलज़ार की शायरी एक ऐसी अमूल्य संपत्ति है जो हमें दर्द और खुशियों के माध्यम से जीने का तरीका सिखाती है।
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