नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में Two Line Gulzar Hindi Shayari की बात करेंगे, और साथ में कुछ शायरी फोटो को भी शेयर करंगे ।
गुलज़ार, जिनका असली नाम सम्पूर्ण सिंह कलरा है, भारतीय सिनेमा के एक महान शब्दकार हैं। उनकी शायरी को समझना मुश्किल नहीं है, लेकिन उनके शब्द और भावनाओं की गहराईयों में खो जाना हर किसी के बस की बात नहीं। गुलज़ार की दो लाइन हिंदी शायरी (Two Line Gulzar Hindi Shayari) उनके कल्पनाशील मनोब्रह्म का आदान-प्रदान है, जिसमें हर शब्द एक अद्वितीय कहानी पर्दा करता है।
गुलज़ार की शायरी में एक खासियत है, वो यह कि वे साधारण शब्दों का अत्यंत रूपांतरण करके उन्हें अत्यधिक मायावी और गहराईयों में प्रस्तुत करते हैं। उनकी दो लाइन शायरी में छिपे उनके अनगिनत भावनात्मक अंतर्दृष्टि का परिचायक होते हैं।
गुलज़ार की दो लाइन हिंदी शायरी (Two Line Gulzar Hindi Shayari) ने शब्दों की नई परिभाषा दी है, जहाँ एक सामान्य शब्द भी अपने आप में पूरे एक कहानी को समेट सकता है। उनके शेरों में छिपी गहराई को समझना और उसका आनंद उठाना एक साहित्यिक यात्रा का अनुभव होता है।
गुलज़ार के शेर जीवन की हर व्यथा, हर खुशी, हर दर्द को छूने की क्षमता रखते हैं। वे उन अहसासों को शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत करते हैं जो हम सभी अपने मन में छिपाते हैं।
Two Line Gulzar Hindi Shayari को पढ़कर आदमी का दिल भावनाओं के सागर में डूबने लगता है। वे छोटी सी शेरों में ही बड़े आईडियाज़ को प्रस्तुत करते हैं, जिनका अर्थ विचारों की गहराइयों में छिपा होता है।
Best Two Line Gulzar Hindi Shayari
“वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है”

“कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं,
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता”

“मत पूछ कितनी सी है अहमियत तेरी,
मेरे बनारस से मन में है गंगा सी कीमत तेरी”

“शिकायत और दुआ में जब एक ही शख्श हो,
समझ लो इश्क़ करने की अदा आ गई तुम्हे”

“बहुत भरोसा था तुम पर
‘था ’ का मतलब पता है ना”

“लाज़मी है मेरा भी गुरुर करना
मुझे उसने चाह था, जिसके चाहने वाले हज़ार थे”

“तुम्हरे बाद हम जिसके भी होगे
वो रिश्ता मोहब्बत का नही मज़बूरी का होगा”
Two Line Gulzar Hindi Shayari
“कोई जिस्म पर अटक गया ,कोई दिल पर अटक गया
इश्क उसका ही मुकमल हुआ जो रूह तक पहुच गया”

“करवट तमाम रात भर बदलता में रह गया,
बिस्तर में उसकी यादों के काटें थे बेशुमार”

“धड़कने में बसे होते है कुछ लोग ,
जुबान पे नाम लाना ज़रूरी नही होता”

“इश्क है तुमसे और कबूल है
कहो तो इज़हार कर दूँ”

“ग़ज़ब का एह्साह होता है,एक तरफा इश्क में
न इज़हार की ख़ुशी न इंकार का गम”

Two Line Gulzar Hindi Shayari
“लोग दीवाने है बनावट के
हम कहाँ जाए सादगी लेकर”

“वो अल्फाज़ ही क्या जो समझने पड़े
मैंने मोहब्बत की थी बकालत नही ”

“किसी अपने को खो कर
हम रोते नही बस मुस्करना भूल जाते है”

“जहाँ से जी न लगे, तुम वहीँ बिछड़ जाना
मगर खुदा के लिए बेवफाई मत करना”

“हम पढ़ने लिखने में ज़रा अच्छे क्या निकले
जिन्दगी तो हर कदम पर इम्तिहान लेने लगी”

“मेरे किरदार से वाकिफ़ होने की कोशिश मत कर
उसे समझने में दिल लगेगा और तुम दिमाग लगते हो”

“मुझे किसी ने पूछा दर्द की कीमत क्या है
मुझे नही पता मुझे तो मुफ्त में दे जाते है”

“ जलो वहाँ जहाँ ज़रूरत हो
उजालो में चिरागों के कोई मायने नही होते”

“सुबह की ख्वाहिशें शाम तक टाली है,
कुछ इश कदर हमनें जिन्दगी संभाली है”

Two Line Gulzar Hindi Shayari
“उड़ा दी सारी ख्वाहिशें फिज़ाओ में हमनें,
रंग सारे पसंद के ही मिले ये ज़रूरी तो नही”

“हम तो यूँ ही दिल साफ रखा करते थे,
लेकिन अब पता चला की कीमत तो चेहरे की होती है”

“यूँ तो जिन्दगी में नमक की कमी ही रही,
लेकिन जब भी मिला ज़ख्मों पर ही मिला”

“कौन कहता है की अकेले है हम,
हज़ारों गम हर दम साथ रहते है मेरे”

“कैसे कह दू अब बेरंग हुई ज़िंदगी तेरे जने से,
रंगों से मुलाकात हुई मेरी तेरे आने से”

“अपने दर्द को मुस्कुरा कर सहना क्या सीख लिया हमनें,
लोगों को लगने लगा कि हमें दर्द ही नहीं होता”
“निगाहो से भी चोट लगती है ज़नाब,
जब कोई देखकर अनदेखा कर देता है ”

“लिख देना ये अल्फ़ाज़ मेरी कबर पे,
मौत अच्छी है, मगर दिल का लगाना अच्छा नहीं ”

“किसी से न वफ़ा की उम्मीद कीजिये,
चाय पीजिये, सब को दफ़ा कीजिये ”

“रिश्ते धीऱे धीऱे ही ख़त्म होते है,
बस पता अचानक चलता है ”

“ख़ामोसिया बेबजह नहीं होती,
कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करते है “

मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है

“धोखे ऐसे ही नहीं मिलते,
लोगो का भला करना पड़ता है ज़नाब ”
“वो उम्र कम कर रहा था मेरी
मैं साल अपने बढ़ा रहा था”
“काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी”
“कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद”
“आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद”
“उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले”
“सुनो….ज़रा रास्ता तो बताना.
मोहब्बत के सफ़र से, वापसी है मेरी..”
“तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं”
“कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है”
“ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है”
“आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है”
“हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते”
अन्त में , Two Line Gulzar Hindi Shayari वाकई में अद्वितीय है। उनके शेरों में छिपी गहराई, उनकी कल्पना और उनकी अद्वितीय भाषा का आनंद लेना अपने आप में एक साहित्यिक यात्रा है। गुलज़ार के शब्द सिर्फ लफ्ज़ों की ढाल नहीं, बल्कि एक अद्वितीय अनुभव को दर्शाते हैं जो हमें विचारशील बनाता है।
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