आप लोगों मेरी website पर स्वागत है, उम्मीद है की आप सभी लोगों अच्छे होंगे, पेश है latest सैड शायरी जो आप के दिल को छू ले, शायरी एक माध्यम से एक दूसरे लफ़्ज़ों को समझ लेते है, जब हम लोग दुखी होते है और मन बहुत उदास होता है तो हमें सैड शायरी बहुत याद आती है, कभी-कभी ऐसे होता है की सैड शायरी को WhatsApp, Instagram, Facebook पर शेयर करते है।
Best Sad Shayari in Hindi
एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से अब वो भी टूट गई
वफादारी की आदत थी हमें अब शायद वो भी छूट गई ।

एक दूसरे से मोहब्बत कुछ ऐसी हो गयी है,
दिल तो दो है मगर धड़कन एक हों गयी है..!!
जिनके करीब बहुत लोग हो
उनसे दूर रेहना ही ठीक है..
खुदकुशी की हिम्मत नहीं है मुझ में,
बस दुआ है कोई हादसा हो जाए।।

ज़रा छू लूँ तुमको कि मुझको यकीन
आ जाये, लोग कहते हैं मुझे साये से
मोहब्बत है।
करोगे क्या जो कह दूं की उदास हूं मैं
पास होउ तो गले लगा लूं
दूर हूं तो एहसास हूँ में
तेरे अहसास की खुशबू रग रग में समाई है,
अब तू ही बता क्या इसकी भी कोई दवाई है।
रिश्तों को बस इस तरह से बचा लिया करो,
कभी मान जाया करो तो कभी मना लिया करो ..
प्यार का पता नहीं जिंदगी हो तुम..
जान का पता नहीं दिल की धड़कन हो तुम।
मैंने जिसे चाहा उसने चाहा किसी और को रब करें
जिसको उसने चाहा वह भी चाहे किसी और को
नशा था तेरे प्यार का जिसमें हम खो गए,
हमें भी नहीं पता चला कब हम तेरे हो गए ।
तुम्हें तुम्हारी जीत मुबारक जशन तो हमारी हार का होगा
जीते तो हर कोई है पर हम सा कोई हरा होगा
ये जरूरी तो नहीं कि तेरी खास रहूँ मैं,
बस महफूज रहे तू, ताउम्र तेरे आसपास रहूँ मैं |
ये मत सोचना कि आस छोड़ दी है
बस अब मैंने तेरी तलाश छोड़ दी है
लगता है इस बादल का भी दिल टूटा है,
बोलता कुछ भी नहीं बस रोये जा रहा है ।
रूठूँगा अगर तुझसे तो इस कदर रूठूँगाकी,
ये तेरी आँखें मेरी एक झलक को तरसेंगी
बस एक तुमको ही खो देना बाकी था
इससे बुरा इस साल और क्या होना बाकी था
बिखर जाते हैं…… सर से पाँव तक, वो
लोग…
जो किसी बेपरवाह से बेपनाह इश्क करते है।
पूछा किसी ने कि याद आती है उसकी
मैं मुस्कराया और बोला तभी तो जिंदा हुँ
सोचा नहीं था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे….
रोना भी जरूरी होगा और आंसू भी छिपाने होंगे …
चाहे कितना भी busy रह लो ।
लेकिन जब उस इंसान की याद आती है,
ना तो आंखों में आंसू आ ही जाते हैं।
कुछ इस कदर तेरे इश्क़ में खो जाऊँ,
तु साथ नहीं मेरे तब भी तेरा हो जाऊँ!!
ज्यादा तो पता नहीं लेकिन….
तुम्हारे होने से जिन्दगी खूबसूरत लगने लगी है!!
अधूरी मोहब्बत ही तो
फिर से मिलने का वादा करती है !!
मैं भले ही चुप रहने लगा हूं,
पर मेरी खामोशी सब कुछ बता देती है!!
जिन्दगी एक किताब के पन्ने की तरह है
जिसमें लिखा तो बहुत कुछ है पर समझ में कुछ नहीं आता..!!
तुम बस्ती थी इन आँखों में कभी,
तेरी जगह आँसुओं ने ले ली!!
गलतफहमियों के चलते टूट गये कुछ रिश्ते
वरना साथ निभाने का वादा तो अगले जन्म का था!!
तुम हमसे दूर होकर आबाद हो गए,
हम तुम्हारे बिना बर्बाद हो गए..!!
दस्तूर भी अजीब है इंसानों का,
ना चाहते हुए भी किसी से दूर जाना पड़ता है !!
तुझको पाने के चक्कर में खुद को खो चुका हूं,
कई बार टूटे हैं सपने मेरे कई बार मैं रो चुका हूं!!
मैंने मोहब्बत तो सच्ची की,
पर आशिक गलत चुन लिए !!
कभी हम बेफिक्रे हुआ करते थे,
कुछ जिम्मेदारियों ने हमें भी बदल दिया!!
कुछ इस तरह सौदा किया वक्त ने हमारे साथ,
तजुर्बा देकर.. वो मेरी नादानी ले गया..
सबके समझ में नहीं आते लहज़े मेरे..
मैं बस कुछ ही का बन के रहता हूं..!!
लोगों से क्या गिला जनाब..
हम तो ख़ुद बड़े धोखेबाज हैं..!!
हमने तुम्हें उस दिन से और भी ज्यादा चाहा है,
जबसे हमें मालूम हुआ तुम हमारे नहीं हो पाओगे..!!
आपसे सबसे ज्यादा वहीं रूठते हैं
जिनके पास हक तो होता हैं पर वक्त नहीं होता
कि न रोएंगे अब हम तुम्हारी खातिर ना ही तुम्हारी खातिर
अब हम आँसू बहाएंगे और जब कोई पूछेगा
हमसे कि प्यार क्यों नहीं करना तो हम उन्हें तेरी बेवफाई के किस्से सुनाएंगे ।।
मोहब्बत थी इसलिए “Haar” मान गया,
जिद होती तो “Barbaad” कर देता..!!
जिन्दगी से जिन्दगी भर हम लड़ा करते रहे क्या भला करते रहे
हम क्या बुरा करते रहे तुम जो मेरे साथ थे
तो हम खता करते रहे तुम मना करते रहे और हम नशा करते रहे ॥
यूं तो हर कोई अपना नहीं होता है
फिर भी मैंने तुज़से दिल लगाया है …..
बादशाह थे हम अपने मिज़ाज़ के…
कमबख्त इश्क ने तेरे दीदार का फ़कीर बना दिया।
जिंदगी तो आम थी
खास तो तेरी मोहब्बत ने बनाया
अगर हिम्मत है तो आओ,
मुक़ाबला इश्क़ करें,
हारे तो आप हमारे,
जीते तो हम तुम्हारे..!
पता है हमें प्यार करना नही आता मगर,
जितना भी किया है सिर्फ
तुमसे किया है।
खामोशियाँ ही बेहतर है,
बातों से लोग रूठते बहुत है……
लेट रिप्लाई आपको तभी मिलता है जब,
आपकी इम्पोर्टेस खत्म हो जाती है.. ..!!
तनहाइयों के लम्हे अब तेरी यादों का पता पूछते हैं…!!
तुझे भूलने की बात करूँ तो ये तेरी खता पूछते हैं…!!
ये खाली जेबें फ़कीर हुलिया उदास आँखें,
हमसे कोई मोहब्बत करें भी तो क्यों करें..??
जिंदगी ने सुकून की उम्र में
सब्र करना सीखा दिया. ..!
Sun Yaar…
तेरे बिना किसी और को
दो पल ना दूँ
दिल तो दूर की बात हैं
अब किसी से उलझने का मन नहीं करता,
आप सही, मैं गलत, बात ख़त्म..!!
मेरी खामोशी से उसे कभी कोई फर्क नहीं पड़ता,
शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो
चुभ जाते हैं।
वह मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं.
काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता।
माना कि जायज नहीं इश्क तुम से बेपनाह करना,
मगर तुम अच्छे लगे तो ठान लिया ये गुनाह करना
पता नहीं लोग दूसरों को उदास करके ख़ुद
कैसे खुश रह लेते हैं।
जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में नहीं कह पाता
उसी को क्रोध अधिक आता है।
में वक़्त नहीं जो बदल जाऊँगी
तुम जितना दूर जाओगे में उतना पास आऊँगी।
कुछ अधूरापन था जो पूरा हुआ ही
नहीं कोई मेरा होकर भी मेरा हुआ नहीं।
बहोत दिनों बाद मेरा नाम याद
आया महोबत याद आई या कोई
काम याद आया।
कितनी महोबत हैं तुमसे पर कभी सफ़ाई नहीं देंगे
साये की तरह रहेंगे तुम्हारे साथ पर कभी दिखाई नहीं देंगे।
इस दुनिया में अजनबी रहना ही ठीक है
क्योंकि लोग बहोत तकलीफ़ देते है अपने बनाकर
अजी कुछ देर पहले यही थे हम सच क्यों छुपाना हैं
आज कल बहोत तारीफ़ हो रही हमारी जरूर उनको कुछ काम
निकलवाना हैं।
उसे कहना की तुम्हारी याद आती हैं
और जब भी आती हैं में रो
पड़ता हु।
आज नहीं तो कल उसे भी एहसास हो जायेगा
बहुत मुश्किल से मिलते फ़िकर करने वाले।
सहने वाला ही जानता है की वो किस तकलीफ में है
दुनिया वाले तो सिर्फ उसकी बाहर की हँसी देखते हैं।
तुझे भूलने की कशमकश में याद कर लिया करते हैं,
तुझसे नफरत भी करते हैं और प्यार कर लिया
करते हैं।
अब किसी से
उलझने का मन नहीं करता,
आप सही, मैं गलत, बात ख़त्म..!!
वह मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं.
काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता।
खुशनसीब है बो लोग
जो मोहब्बत नहीं करते
नहीं रही शिकायत अब तेरे नज़र अंदाज़ से
तू बाकियो को खुश रख हम तन्हा ही अच्छे है
कही Piche छूट गया तुम्हें पाने की Aash में
अंदर ही अंदर Tut Gya तुम्हें Bhulane के प्रयास में
बहुत परेशान करती हूं मैं उसे क्योंकि मुझे पता है,
वो मुझे कभी छोड़कर नहीं जायेगा…!
हमारा रिश्ता कुछ यूं खत्म हो गया…
वो बस दोस्ती निभाते रहे और हमें प्यार हो गया..!!
दर्द में तो सब हैं जनाब….
बस कोई लिख रहा है और कोई पढ़ रहा है..
हम बुरे हैं मगर इतने भी नहीं कि
किसी को रुला कर खुद हँसें
तुम थकते नहीं हो ख़ुद को आशिक़ कहते-कहते
सच में अगर इश्क़ हुआ होता तो कहीं के न रहते
कह कर देख लिया चुप रहकर देख लिया
तुमने समझा वही जो तुम्हें समझना था
काश कभी वो दिन भी आए जब तुम्हारे बुरे बर्ताव से,
मुझे कोई फ़र्क़ ही न पड़े..!!
बूँद-बूँद बेकरारी हमारी..!!
क़तरा क़तरा मोहब्बत तुम्हारी..!!
तड़पना क्या होता है ये उस इंसान से पूछो,
जिसके पास सब कुछ है पर वो नहीं जिसकी उसे ख्वाहिश है..
दुनिया अच्छी है लेकिन,
लोग मतलबी हैं…
मौत शायद इसी को कहते हैं की
दिल अब तेरी ख्वाहिशें नहीं करता
मैं खुद को तुझसे मिटाऊँगा एहतियात के साथ
तू बस निशान लगा दे जहाँ जहाँ हूँ मैं
एक नज़र एक झलक और पल भर का दीदार…
बस इतना सा ही तो है जिसे इश्क़ कहते हैं यार…!!
आज जिंदा हु
कर ले बात काल न जब
मर जागा जब हो लिये busy
और उन सवालों के जवाब मैं “शोर” में ढूंढती रही
ताउम्र, जो शायद “खामोशी” में थे।
तकलीफ देने वाले को भले ही भूल जाना
लेकिन तकलीफ में साथ देने वाले को कभी मत भूलना..
कब तक तरसते रहेंगे तुझे पाने की हसरत मैं दे कोई
ऐसा जख्म कि मेरी सांस टूट जाए तेरी जान छूट जाए
उस जानशीह को छोड़ जरा हमें भी याद करो ।
अपने नए आशिक के गुरूर में तुमने मेरी यादों का भी कत्ल कर दिया ।।
ऐसा नहीं है कि अब बात नहीं होती
उससे बस बातों में वो पहले जैसी बात नहीं है
तुमने कहा था, वक़्त हर मर्ज की दवा है
मगर देखो.. मेरा ज़ख़्म अब तक हरा है
खामोश रहना ही बेहतर है
बात तो वैसे भी कोई नहीं समझता
वादा था मुकर गया, नशा था उतर गया..!
दिल था भर गया, इंसान था बदल गया..
जब कहना चाहता था तब कोई साथ नहीं अब पूछते है,
अब मेरे पास अल्फाज नहीं
हमें तुमसे मोहब्बत है हमारा इम्तिहान ले लो,
अगर चाहो तो दिल ले लो अगर चाहो तो जान ले लो।
अजीब तमाशा उस चाहने वाली ने किया
जान भी निकाल लिए जिन्दा भी छोर दिया
दावे मोहब्बत के मुझे नहीं आते यारों,
एक जान है जब दिल चाहे माँग लेना..।
क्यों ना हम एक दूसरे में ही खो
जाए ये मानचित्र मेरे घर का रास्ता नहीं बता रहा
बला सी खूबसूरती हैं तेरे जिस्म में,
कोई छू ले तो चिंगारी से आग बन जाती हैं।
एक आईना है मेरे कमरे में…
जो तुम्हारी उतारी हुई बिंदी के इंतज़ार में खामोश पड़ा है…
कितना सब्र हुआ करता था उस खत के जमाने में,
अब तो दो मिनट देर के रिप्लाई से लोगों को शक़ होने लगता है..
अगर किस्मत में हुआ,
तो फिर मिलेंगे अजनबी बनकर.
तुम मुझे मिलो या ना मिलो ये किस्मत की बात है,
पर मैं कोशिश भी ना करूँ ये गलत बात है
तुम्हारे आने की उम्मीद बर नहीं आती
मैं राख होने लगा हूँ दिए जलाते हुए..
तुम्हें इस कदर हम अपना मान बैठे हैं
कि तुमसे किसी की भी नजदीकी हम बर्दाश्त नहीं कर सकते
अब तो ये आलम है मेरी जाँ तू मनाने भी आए,
तो भी न मानें
वो मिल गया है, तो क़दर करो
अगर नहीं मिला, तो सब्र रखो
मुझे इन्तजार करना आता है
बस तुम लौटना सीख लो